SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

O Lord! I beseech Your aid and seel your divine blessing at this really moment. Save and secure me. Demolish my enemies with all your Trishul. Launch me within the torture of evil feelings.

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

बृहस्पतिदेव की कथा

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां shiv chalisa lyricsl शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।

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